Thursday, August 2, 2012

love sex & romance

पोथी पढत पढत युग गया ,पंडित भया ना कोई, अढाई अक्षर प्रेम के पढे से पंढित होई।हमारे हिन्दुस्तान मे प्रेम को पुस्तकोँ के पढाई से भी अधिक उच्चा दर्जा प्रेम यानी प्यार को दिया गया है। प्यार क्या है? प्यार एक खुबसूरत ऐहसास है, इस ऐहसास का अनुभव होते हि जिन्दग़ी जिने का मायने ही बदल जाता है। प्यार दो शुध्द आत्माओँ का मिलन होता है, जो जंम जंमांतर का साथ होता है। ये परिभाषा हमारे हिन्दुस्तन की है,लेकिन वर्तमान समय मेँ हमारे हिन्दुस्तान मे भी प्यार यानी प्रेम का अर्थ SEX और ROMANCE बन कर रह गया है।यही कारण हैकि हमारे हिन्दुस्तान मे भी शादी फिर तलाख अब आम बात होती जा रही है।यह बिमारी की तरह हमारे पुरे हिन्दुस्तान को अपने चपेट मेँ लेती जा रही है।अगर इस बिमारी का जल्द इलाज हम सब मिल कर नही करेगेँ तो हमारी हिन्दस्तान जिस पहचान के लिए जानी जाती है वह पहचान छीन जायेगी, हिन्दुस्तान और बाहरी देशोँ मेँ कोई अंतर नही रह जायेगाँ, हमारा हिन्दुस्तान सीर्फ नाम बन कर एवं पुस्तको तक सीमत कर रह जायेगाँ। प्यार के अर्थ बदल जाने के कारण ही यहाँ भी ADDS जैसे खतरनाख बिमारीओँ से पिङीत व्यक्तियोँ की संख्या दिन प्रतिदिन बदती जा रही है। अर्थ के बदल जाने के कारण ही हमारे हिन्दुस्तान मे भी कुमारी अवस्था मेँ ही गर्भवत्ति हो जा रही है, आज प्रेम की शुरूवात ही SEX और ROMANCE से हो रहा है और खत्म भी।